बुधवार, 5 अगस्त 2009

थोडी सी जो पी ली है ......

2 टिप्‍पणियां:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

....मगर गजल मुझे बहुत पसंद है : हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है.....! कभी कभार बाथरूम में इस तरह गाता हूँ :
अरे फ़ोन क्यों है करता, तबियत ढीली है
ऑफिस मै आ नहीं सकता, पैंट गीली है.....

बेनामी ने कहा…

HANGAMA HAI KIYUN ITNA THODI SI JO
PEE LI HAI