बुधवार, 25 फ़रवरी 2009

प्यार की पाठशाला

कुछ वर्ष पहले एक फिल्मी गाना सुना था कोलेज में होनी चाहिए प्यार की पढ़ाई ,हमें नही पता था की वो गाना आज के स्टुडेंट सच कर के ही रहेगे
स्कूल ने प्यार को भले ही अपने सेलबुस में न रखा हो मगर विद्यार्थियों ने इस
विषय को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है जिसे पढ़कर वो जीवन की परीक्षा पास करने का सपना दिन में और खुली आँखों से देख रहे है ।
माँ बाप के वो सपने जो उन्होंने देखे,स्कूल में एक प्रेमी के बाहों में दम तोड़ दे रहे है ,प्यार करना ग़लत तो नही है लेकिन हर कम के लिए एक समय होता है लेकिन आज के बच्चो को भला सब्र कहा है ।
ये तस्वीरे साफ कह रही है की आज के स्टुडेंट kis तरह अपने पढ़ाई
और अपने परिवार के प्रति बेईमानी कर रहे है और प्यार की ये पढ़ाई जब दुनियादारी की इम्तहान में फ़ैल कर देती है तो ये समाज को ही दोष देते फिरते है । इस तरह के लोग जो इसी तरह पढ़ा
कर आए है और अब दर दर भटक रहे है महज एक नौकरी के लिए वो भी नही मिलती , भाई इस तरह के प्रेमियो से मै तो कहूगा की जब उनके पास छोकरी है तो नौकरी की क्या जरुरत है आखिर आप ही तो कहते थे प्यार खायेगे प्यार
पहनेगे प्यार पियेगे और प्यार पे ही सो जायेगे ,फिर क्यो परेशां हो भाई करो खूब करो प्यार ।