कॉलेज जाने वाली दिल्ली की छात्राएं और अकेली कामकाजी युवतियां त्वरित तरीके से धन कमाने के लिए अपने अंडाणुओं का सौदा कर रही हैं। ये छात्राएं और युवतियां अपने अंडाणु प्रजनन क्लीनिकों में बेचती हैं, जिनके बदले उन्हें अच्छी-खासी रकम मिल जाती है। प्रजनन क्लीनिक इन अंडाणुओं को नि:संतान जोड़ों को बेच देते हैं।
दिल्ली के प्रजनन विशेषज्ञों को कॉलेज जाने वाली छात्राओं और अकेली कामकाजी युवतियों की ओर से अंडाणुओं देने के लिए लगातार निवेदन मिलता रहता है। प्रत्येक लड़की के शरीर से 10 से 12 अंडाणु लिए जाते हैं और इसके बदले उन्हें 20,000 से 50,000 रुपये तक की राशि मिल जाती है।
ग्रेटर कैलाश स्थित फिनिक्स अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ शिवानी सचदेवा गौड़ ने बताया, ''यह एक नया चलन है। काफी संख्या में युवतियां अंडाणु देने यहां आती हैं। जनवरी के पहले हफ्ते में दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रतिष्ठित कॉलेज की चार छात्राओं ने अंडाणु दिए। विलासितापूर्ण जीवनयापन के लिए ये लड़कियां अपने अंडाणुओं का सौदा कर रही हैं।''
पश्चिमी दिल्ली के बी.एल. कपूर मेमोरियल अस्पताल की चिकित्सक इंदिरा गणेशन ने बताया कि 22 से 25 वर्ष की युवतियां अंडाणु देने के लिए आया करती हैं। इनमें ज्यादातर अकेली या फिर कामकाजी होती हैं। अंडाणु देने का मुख्य मकसद पैसा हासिल करना है। शिवानी बताती है कि अंडाणु देने वाली अधिकांश लड़कियों के माता-पिता को इस बात की जानकारी नहीं होती। शिवानी के मुताबिक फिनिक्स अस्पताल में दुनिया भर से प्रतिमाह 15 नि:संतान जोड़े अंडाणुओं की मांग करते हैं।
बकौल शिवानी, ''अधिकांश जोड़े विदेशी होते हैं और इसके लिए वे 60,000 से 100,000 रुपये तक खर्च करने के लिए तैयार होते हैं। हमें ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया से अंडाणुओं का निवेदन प्राप्त होता है। भारत से भी हमें कुछ निवेदन मिलते हैं।''
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