जब भी आप पुलिस की चर्चा करते होगे तो
उसकी बुराई ही प्राथमिक होती होगी और
ये तो अक्सर कहा जाता है पुलिस अपनी
वर्दी का ख्याल नही रखती और अक्सर वे
अपनी वर्दी को शर्मसार करते है लेकिन आज
हम आपको दिखाते है एक पुलिस वाले को जो
अपनी वर्दी को किस कदर ,
संभल कर रखता है
गई जहा उसे दो दिन रहना था और तुंरत
भी था ,उसने सोचा मोटरसायकिल से ही निकल ले
लेकिन साथ में एक और वर्दी और बन्दूक भी ले
जानी थी और motarsaykal
पे जगह थी नही ,सो उसने अपनी वर्दी को हैंगर
में लटकाया बेल्ट और टोपी पोलीथिन में डालकर
उसे भी हैंगर में लटकाया और हैंगर को अपने पीछे शर्ट में लटकाया बगल में बन्न्दूक और निकल पड़ा ड्यूटी बजाने ।
भाई वह क्या पुलिस वाला है और हम है की हमेशा बुराई ही करते है
1 टिप्पणी:
Bahut khub Janab...!!
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गणेश शंकर ‘विद्यार्थी‘ की पुण्य तिथि पर मेरा आलेख ''शब्द सृजन की ओर'' पर पढें - गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का अद्भुत ‘प्रताप’ , और अपनी राय से अवगत कराएँ !!
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