शनिवार, 29 अगस्त 2009

बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर

गोरखपुर में एक बार फ़िर तार तार हुई महिला की इज्जत ,पहले गमला देवी को बाल काट कर गाव से निकल दिया ,अब बुधिया को पंचायत ने बदचलन बना कर उसके मुख में कालिख पोत कर गाव में घुमाया ,इस काम में उसका पति भी शामिल रहा । बहरहाल १५ दिनों में इस तरह की लगातार दूसरी घटना से प्रशासन भी हिल गया और उसके पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है जबकि ये तुगलकी फरमान सुनाने वाले प्रधानपति और बी डी सी फरार हो गए है जिन्हें पुलिस रताश रही है ।

आख़िर महिला मुख्यमंत्री और महिला राष्ट्रपति ,महिला लोकसभा अध्यक्ष वाले इस देश में महिलाओ के साथ इया तरह बर्ताव क्यो हो रहा है ,क्या कर रही है मायावती ,सोनिया गाँधी ,प्रतिभा पाटिल और मीरा कुमार जैसी महिलाओ की झंडाबरदार , इस बारे में अपनी राय हमें जरुर दे आप चाहे तो इस ब्लॉग पे भी लिख सकते है ,इसके लिए आप हमें अपना मेल एड्रेस हमें भेज दे हम आपको ब्लॉग पे लिखने के लिए निमंत्रण भेजेगे ।

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बुधवार, 26 अगस्त 2009

भूतो के डर से भागे दरोगा जी



अभी तक आपने देखा और सुनाहोगा की पुलिस के डर से आम आदमी किस कदर भागता किसी को भी दौड़ा कर पिट देती है मगर कुछ कुछ दिनों पूर्व मामला पुलिस के लिए उल्टा तब पड़ गया जब पुलिस की भिडंत भूतो से हो गयी ,और भूतो ने पुलिस वालो को घेर लिया और वहा गए दरोगा और सिपाहियों को भागना पड़ा ,घटना महराजगंज की है ,पुलिस को सुचना मिली की एक गाव में एक तांत्रिक आया है जो भुत भागने का दावा कर जनता को बेवकूफ बना रहा है ,फ़िर क्या था पुलिस और कुछ प्रसासनिक अधिकारी मौके पर पहुच गए और वो भी दंग रह गए वहा का हाल देखकर ,एक पेड़ के निचे आग जलाकर एक महिला बैठी थी ,और लगभग २० लड़किया और महिलाए बदहवास होकर जमीं पर लोटपोट रही थी और इस तरह हरकत कर रही थी मनो उनके सर पे भुत सवार हो ,पुलिस के जाने पर तांत्रिक फरार हो गया और पुलिस ने वहा रखे तंत्र मंत्र के सामान तोड़ डाले , फिर क्या था महिलाओ पे सवार भूतो को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने पुलिस वालो को घेर लिया ,अब पुलिस को समझ नही आ रहा था की इनसे क्या बात करे क्योकि सभी महिलाये अपना सुधि खो चुकी थी और पुलिस पे चढी जा रही थी । पुलिस वाले अबतक पसीने पसीने हो चुके थे क्योकि भुत बनी महिलाये अब इन्हे बिन बुलाये आने वाले आफत लग रहे थी अंत में दरोगा जी करते क्या ,क्योकि भूतो से तो पाला पड़ा नही था सो उन्होंने सोचा धीरे से निकल लो भलाई इसी में है सलामत रहे तो दो चार का एनकाउंटर , कर प्रमोसन मिल ही जाएगा , और दरोगा जी अपने सिपाहियों समेत भाग लिये वहा से ।

ऊपर के विजुअल क्लिक करे और देखे भूतो का हंगामा

रविवार, 23 अगस्त 2009

ओझं सरनम गच्छामि

गोरखपुर में पुलिस इन दिनों अपराधियों को पकड़ने के लिए ओझा और सोखो का सहारा ले रहे है ,सूत्रों की माने तो पुलिस अब खुफिया नेटवर्क के बदले ओझाओ से नेट्वर्किंग कर रही है ,इस सन्दर्भ में अमर उजाला ने आज एक ख़बर भी प्रकाशित की है जिसे आप इस लिंक http://www.amarujala.com/today/gkpnews.asp?city=23GKP4M.asp को क्लिक कर पढ़ सकते है

गुरुवार, 20 अगस्त 2009

औरत नही ये तो मर्द है

निचे की ख़बर में आपने देखा गमला देवी की दास्ताँ ,लेकिन हर महिला गमला की तरह जुल्म बर्दास्त नही करती बल्कि अपने पे आ जाए तो अच्छे अच्छे की हालत पतली कर देती है । यहाँ हम आपको दिखा रहे है बनारस के कुछ जुझारू महिलाओ को जिन्होंने पुलिस से भी दो दो हाथ करने में गुरेज नही है ,ये घटना तो पुरानी है जमीं पे कब्जे को लेकर ग्रामीणों और पुलिस में ठन गयी ,पुलिस ने लोगो को भागने के लिये लाठिया चलाई लेकिन महिलो ने भे जमकर मुकाबला किया । ये पुरानी घटना इसलिये भी याद आ गयी क्योकि मन में ये प्रश्न उठ रहा था की आख़िर जहा इस तरह की हौसले वाली महिलाये है वही गमला जैसी महिलाये क्यो जुल्म सहती है ।

सोमवार, 17 अगस्त 2009

क्या यही है ६२ साल का आजाद भारत ?

देश इस साल जब आजादी के जश्न की तैयारी करने में मशगुल था ठीक उसी समय उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में एक महिला को ,उसके ही पति और लड़को ने ऐसे अपमानित हाल में दुनिया की नजरो में ला खड़ा किया जो १५ अगस्त १९४७ से पहले भी महिलाओ के साथ नही होता था ।
पिपराइच थाना के कोनी गाव की गमला देवी नमक ५० वर्ष की महिला उसके पति और लड़को ने १३ अगस्त को उसपर बदचलनी का आरोप लगाकर पहले तो उसकी पिटाई की उसके बाद उसके सर के बाल काट डाले और बिच सर में बाल को छील कर अर्ध मुंडन कर घर से निकल दिया ,
घटना के बाद गमला देवी पुलिस स्टेशन जा कर थानेदार से इस घटना की शिकायत भी की ,लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी ,थक हार कर गमला वापस गाव लौट गयी । घटना की जानकारी जब पत्रकारों को हुई तो कुछ पत्रकार कोनी गाव गए और घटना की जानकारी के बाद जब पुलिस स्टेशन गए और ये जानना चाहा की मामले पे पुलिस ने क्या
किया ,तो वहा बैठे थानेदार साहब ने जो कहा उसे सुन कर सभी पत्रकार स्तब्ध रह गए ,थानेदार साहब ने उल्टे गमला देवी को चरित्रहीन बताते हुए पत्रकारों से ही पूछा ,की यदि जिसकी औरत दुसरे मर्द के साथ भाग जायेगी तो वो क्या करेगा ?
अगर आप भी सुनना चाहता है की दरोगा ने क्या कहा तो निचे के विजुअल में देखे और सुने , ये बाते कुछ पत्रकारों ने{ जब दरोगा जी कैमरे के सामने बोलने से इंकार कर दिया } चुपके से रिकार्ड कर लिया था ।
बातचीत के अंश इस प्रकार है
दरोगा -बजरंगी सिंह ,इसको रखा है बहुत दिन से
पत्रकार -महिला को रखा है ?
दरोगा -साल भर पहले इसको लेकर वो भाग गया
पत्रकार -बज्रंगिया ?
दरोगा -हु
पत्रकार -अच्छा --फिर
दरोगा -साल भर ये सब लेकर रहे पता नही कहा --तो इधर आयी है दो चार दिन से तो अब वो घर में रहना चाह रही है तो उसके --कोई किसी की औरत भाग जायेगीऔर माँ भाग जायेगी साली इस उमर में
पत्रकार -हु हु
दरोगा -मतलब उसकी उमर ५० साल होगी उसके लड़के की शादी है पतोह है
पत्रकार -५० साल की है
दरोगा -और क्या ? तब तो मरे होगे फैमली वाले ,ऐसा नही है की किसी अन्य जात द्वारा मारा गया हो
पत्रकार -ह ह ह
दरोगा -ये कोई बहुत बड़ी ख़बर नही है लेकिन आप लोग जो इच्छा करे छाप दीजिये -कोई बड़ी ख़बर नही है ये तो उसका है, व्यक्तिगत पारिवारिक मामला
पत्रकार -कभी कोई कार्यवाई हुई तो थानेदार है मुकदमा --
दरोगा -मुकदमा , तो क्या ,उसका पति मारा है उसके खिलाफ मुकदमा लिखायेगा
पत्रकार -बाल काटना क्या अपराध नही है ?
दरोगा -मान लो पिता जी आपके बाल काट देये तो कौन सा बड़ा अपराधी होगे ,हमको बता दीजिये मान लो आप से गुस्सा गए ,ये आम बात है हम लोग छोटे छोटे थे बाल बड़े बड़े रखते थे ,बाल पकड़ कर छिलवा दिया जाता था ,
पत्रकार - और आप उसी उम्र में मुकदमा दर्ज कराने चले गए होते तो कानून आपका मुकदमा दर्ज करता
दरोगा -नही करता
पत्रकार -आपकी इच्छा के विपरीत --
दरोगा -वों तो मे जानता हु लेकिन हर चीज का
पत्रकार -वो तो एक अलग बात है की माँ बाप --
दरोगा -आपकों ये मारते (बगल के आदमी की तरफ़ इशारा करते हुए )तब वो अपराध है , लेकिन वो इतना आवारा टैप की साली है जिसके बड़े बड़े बेटे है और इस उमर में भाग कर किसी दुसरे के साथ रह रही है
पत्रकार -भइया उसका नमवा जरा बता दीजिये
दरोगा -नमवा तो उसका सिपाही को दे दिया हु
पत्रकार -पासवान ,---पासी --दलित तो ये होते नही है ?
दरोगा -दलित होते है
एक अन्य -दलित है
दरोगा -दलित ये भी है ,दलित वो भी है , इसमे कौन बड़ी बात है ,आय -ह , ह।
पत्रकार -दूसरा कोई करता --
दरोगा -हु -तब तो ख़बर बनती --ऐसा है इ गुंडई नही न है ,बात समझ रहे है हमारी आप ,यहाँ पे गुंडई नही है ,जो गुंडई शब्द है --जिसकी माँ ५० साल उमर में आवारा गर्दी करेगी उसका लड़का कैसे गाव में जीता होगा वही जनता होगा
पत्रकार - सही बात आप --
ये वार्तालाप सुनकर आप समझ गए होगे की आज भी इस आजाद देश में कानून कौन और कैसे चलता है ,
कितना सुरक्षित है आम आदमी का मानवाधिकार , कितनी लाचार है महिला ६२ साल के आजाद भारत में ,।
ये घटना इस बात को तो प्रमाणित कर ही देती है की भले ही राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री जैसे पदों पर महिला बैठी हो ,देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को एक महिला अपने इशारे से चला रही हो ,लेकिन महिला आज भी सिर्फ़ बेचारी ,बेचारी और सिर्फ़ बेचारी ही है । इतना ही नही गमला देवी जैसे महिलाओ की ये दशा एक प्रश्न ये भी खड़ा कर रही है की पुरूष प्रधान देश में महिलाये कैसे इतनी आगे पहुच गयी है ? क्या है राज ? जो गमला देवी नही जान पाई ।

बरहाल घटना के ४ दिन बीत गए है और गमला को न्याय नही मिला । इस बारे में पुलिस का कहना है की उसने मुकदमा लिखाया ही नही और उसका पति से समझौता हो गया है ।
हमारे कानून में ऐसे कोई धारा शायद नही है जो गमला जैसी महिलाओ को न्याय दिला सके ?हां ऐसा ऐसा नियम जरुर है की जबरन समझौता करा दिया जाए
क्या जरुरत नही है ऐसे कानून और व्यवस्था को बदलने की या यु कहे की पिछले ६२ सालो में हमें तो आदत पड़ गयी है इसी तरह जीने की ????//?????

रविवार, 16 अगस्त 2009

और अब नकली हिजडे

नकली घी ,नकली साबुन नकली अन्य सामान से तो आपका सामना अक्सर पड़ता होगा ,लेकिन क्या आपने नकली हिजडे देखे है यदि नही तो ऊपर के विजुअल को क्लिक करे आप को दिखाई पड़ेगे नकली हिजडे जिन्हें असली हिजडो ने रंगे हाथ उस समय पकड़ लिया जब वो एक हिजडे के एरिया में घूम कर नेग वसूली कर रहे थे । असली हिजडो ने उनका क्या किया ये आप इस विजुअल में ख़ुद देखे ।

शुक्रवार, 14 अगस्त 2009


स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर हार्दिक
शुभकामनाये
खुशी टायर ए़वं यामाहा एजेंसी
नौतनवा ,महराजगंज
प्रो-जय प्रकाश दुबे


स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर हार्दिक
शुभकामनाये
इंडो नेपाल क्लियरिंग एजेंसी
प्रो-राधे श्याम अग्रहरी
पुनीत अग्रहरी
अमित अग्रहरी
स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर
हार्दीक
शुभकामनाये
उद्योग व्यापार मंडल
नौतनवा ,महराजगंज

स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर
हार्दीक
शुभकामनाये
एन एस क्लियरिंग एजेंसी
प्रो -नन्दलाल जायसवाल ,आशीष जायसवाल

स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर
हार्दीक
शुभकामनाये
विक्रांत रोडवेज ट्रांसपोर्ट
प्रो -राज शर्मा
सोनौली महराजगंज


स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर
हार्दिक
शुभकामनाये
शुभ स्वस्तिक इंटरप्राइजैज
प्रो -राजा वर्मा ,पंकज श्रीवास्तव ,मनोज जयसवाल

सोनौली महराजगंज

शुक्रवार, 7 अगस्त 2009

रेल का खेल

आदरनीय ,महाप्रबंधक जी

पुर्वोत्तेर रेलवे ,

गोरखपुर

महोदय ,जरा ध्यान से देखिये इस विजुअल को ,आपके एक टी टी बस्ती स्टेशन पर एक यात्री से उसके पास टिकट होने के वावजूद पैसे मांग रहे है और जब उसने पैसा नही दिया तो मारपीट पे उतर आए है ,

क्या यही है आपकी रेल ,क्या कहना है आपका